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| Jain Mandir Amarkantak |
सर्वोदय जैन मंदिर अमरकंटक | Sarvoday Jain Mandir Amarkantak -
अमरकंटक पवित्र नर्मदा नदी का उद्गम स्थल है | नर्मदा नदी को हिन्दू देवी और माँ की तरह पूजते हैं इसी कारण अमरकंटक हिन्दुओं के लिए आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र और पवित्र तीर्थ स्थल है | अमरकंटक हिन्दुओ के सांथ ही जैन धर्मावलम्बियों के लिए भी धार्मिक महत्व रखता है | अमरकंटक में स्थित सर्वोदय जैन मंदिर जैन सम्प्रदाय के लोगों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है | सर्वोदय जैन मंदिर वास्तुकला का सुन्दर नमूना है इसके निर्माण में लाल पत्थरों का उपयोग किया गया है | मंदिर निर्माण में लोहा, ईंट और सीमेंट का प्रयोग नहीं हुआ |सर्वोदय जैन मंदिर के गर्भ गृह में प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की अष्टधातु से निर्मित प्रतिमा स्थापित है | भगवान आदिनाथ की प्रतिमा का वजन 24 टन है जो अष्ट धातु के कमल सिंहासन पर विराजमान है | कमल सिंहासन का बजन 17 टन है | कमल सिंघासन और भगवान आदिनाथ की प्रतिमा का कुल बजन 41 टन है | मुनिश्री विद्यासागर जी महाराज ने 06 नवम्बर 2006 में इस प्रतिमा को विधि-विधान के सांथ स्थापित किया | मंदिर का निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है जब मंदिर का निर्माण पूरा हो जायेगा तब सर्वोदय जैन मंदिर की चौड़ाई 125 फीट, लम्बाई 490 फीट और ऊँचाई 151 फीट होगी |
मंदिर में पत्थरों पर की गई नक्कासी देखने योग्य है | मंदिर की दीवारों पर तरासी हुई सुन्दर मूर्तियाँ हैं | मंदिर की वास्तुकला बहुत सुन्दर है | अमरकंटक हिन्दुओं और जैन सम्प्रदाय के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है | दोनों ही सम्प्रदाय के लोग माँ नर्मदा के उद्गम स्थल के दर्शन करने के सांथ हे सर्वोदय जैन मंदिर भी अवश्य जाते हैं |



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