चिंतामण गणेश मंदिर उज्जैन | Chintaman Ganesh Mandir Ujjain

Chintaman Ganesh Mandir Ujjain , Ujjain mandir
Chintaman Ganesh Mandir Ujjain

 चिंतामण  गणेश मंदिर  उज्जैन | Chintaman Ganesh Mandir  Ujjain -

भगवान महाकाल की  नगरी उज्जैन में महाकाल मंदिर के सांथ-सांथ बहुत से सिद्ध मंदिर और स्थान हैं | इनमें  चिंतामण गणेश , कालभैरव मंदिर , गढ़कलिका मंदिर , 84 महादेव , चार धाम मंदिर, जंतर -मंतर, मंगलनाथ और श्री कृष्ण की शिक्षा-स्थली प्रमुख हैं |   चिंतामण गणेश जी का मंदिर उज्जैन में भगवान महाकाल के मंदिर से 6 किलोमीटर दूर स्थित सिद्ध मंदिर है | यह मन्दिर उज्जैन से लगे हुए जवास्या गाँव में स्थित है | कहा जाता है कि चिंतामण गणेश जी के दर्शन से भक्तों की सभी चिंतायें और कष्ट दूर होते हैं | मान्यता है की इस चिंतामण गणेश माता सीता द्वारा स्थापित षट विनायकों में से एक हैं | मंदिर का निर्माण 9 वीं से 13 वीं सदी के बीच हुआ माना जाता है | मंदिर का जीर्णोद्धार रानी अहिल्याबाई होल्कर के समय हुआ है |

Chintaman Ganesh Mandir Ujjain , Ujjain ke mandir
Chintaman Ganesh Ujjain

चिंतामण गणेश मंदिर में भगवान गणेश जी की स्वयम्भू प्रतिमा स्थापित है | चिंतामण गणेश मंदिर के गर्भगृह में गणेश जी तीन रूपों पहला-चिंतामण , दूसरा- इच्छामन और तीसरा- सिद्धिविनायक के रूप में विराजमान है | पहला रूप चिंतामण भक्तों की चिंताओं को हरने वाला , दूसरा रूप इच्छामन भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने वाला और तीसरा रूप सिद्धिविनायक भक्तों को सिद्धि प्रदान करता है |

कहा जाता है कि जब भगवान राम अपने वनवास के दौरान यहाँ आये थे उसी समय माता सीता को बहुत जोर की प्यास लगी | भगवान राम ने लक्ष्मण जी को पानी लाने के लिए कहा | लक्ष्मण ने रामजी की आज्ञा की अवहेलना करते हुए पानी लाने से माना कर दिया | भगवान राम समझ गए कि यह दोष लक्ष्मण का नही है अपितु यहाँ की दोष युक्त धरती का है | उन्होंने यहाँ माता सीता और लक्ष्मण के सांथ विधि-विधान से गणेश जी का पूजन किया जिससे धरती दोष मुक्त हो गई | इसके पश्चात लक्ष्मण जी ने धरती में एक तीर मारा जिससे पानी कि धारा निकल आई और माता सीता ने अपनी प्यास बुझाई |

लक्ष्मण बावड़ी | Lakshman Bavdi- 

जिस स्थान पर लक्ष्मण जी ने तीर चलाकर पानी निकाला था उस स्थान पर अब एक बावड़ी है जिसमें अभी भी पानी भरा रहता है | यह स्थान चिंतामण गणेश मंदिर के सामने स्थित है |

चिंतामण गणेश मंदिर में लोग अपनी मन्नत मांगने के लिए उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं और मनोकामना पूरी होने पर  भक्त पुनः मंदिर आते हैं और  मंदिर के पीछे  स्वस्तिक को सीधा बनाते हैं  | कुछ लोग मन्नत मांगने के लिए यहाँ
 मन्नत का धागा भी बांधते हैं और मन्नत पूरी होने पर धागा खोलने के लिए आते हैं | मालवा क्षेत्र के अधिकांश लोग शादी के लग्न लिखवाने यहाँ आते है और किसी भी शुभ कार्य का प्रथम निमंत्रण भी भगवान गणेश के चिंतामण मंदिर में ही दिया जाता है | 

Laxman Bavdi Chintaman Ganesh Mandir Ujjain
Laxman Bavdi Ujjain

प्रत्येक बुधवार और त्योहारों पर यहाँ भक्तों की अपार भीड़ रहती है | चिंतामण गणेश मंदिर में चेत्र मास  में प्रत्येक बुधवार को जन्ना  महापर्व मनाया जाता है | पहले यह त्यौहार किसान मनाया करते थे परन्तु अब सभी वर्गों द्वारा यह त्यौहार मनाया जाता है जन्ना महोत्सव पर मंदिर को सजाया जाता है और भक्तगण यहाँ प्रसाद चढ़ाते हैं  | इसी प्रकार गणेश चतुर्थी से अनन्त चतुर्दशी तक गणेश उत्सव  धूम धाम से मनाया जाता है |  मकर संक्रांति के समय  होने वाले  तिल महोत्सव का विशेष महत्व है , तिल  महोत्सव में यहाँ  सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाता है | रक्षा बंधन में लोग भगवान गणेश को राखी भेंट करने आते हैं |

चिंतामण गणेश मंदिर में होने वाली आरती और समस-समय पर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी  वेबसाइट www.chintamanganesh.com पर उपलब्ध है | 

चिंतामण गणेश मंदिर कैसे पहुंचे -

मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर पहुँच कर आसानी से चिंताम,अन गणेश मंदिर पहुंचा जा सकता है | उज्जैन सडक मार्ग और रेल लाइन से देश के सभी महत्त्वपूर्ण शहरों से जुड़ा है | उज्जैन के समीप सबसे नजदीकी एयरपोर्ट  इंदौर है जो उज्जैनसे करीब ६० किलोमीटर दूर है | 

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