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| Shri Pat Baba Mandir Jabalpur |
श्री पाटबाबा हनुमान मंदिर जबलपुर | Shri Paat Baba Mandir Jabalpur -
मध्य प्रदेश के जबलपुर में गन केरेज फैक्ट्री (GCF Factory) के पास हरियाली से घिरी पहाड़ी पर हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर है | लोग हनुमान जी एक इस मंदिर को पाटबाबा के नाम से जानते हैं | मंदिर में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा बहुत ही सिद्ध है और यहाँ मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है |
पाटबाबा मंदिर का इतिहास | History Of Paat Baba Temple -
अंग्रेजी शासन काल में अंग्रेजों द्वारा जबलपुर के खमरिया क्षेत्र में गन केरेज फैक्ट्री बनाई जा रही थी | यहाँ फैक्ट्री की दीवार का कार्य चल रहा था जैसे ही कुछ निर्माण कार्य होता दीवार किसी न किसी कारण से गिर जाती थी और लाख प्रयत्न करने के बाद भी कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सका | फैक्ट्री निर्माण कार्य की जिम्मेदार अंग्रेज लेफ्टिनेंट कर्नल स्टेनली स्मिथ को दी गई थी | जब इसकी जानकारी स्टेनली स्मिथ को लगी तो पहले तो उसने कारीगरों को निर्माण पूरा करने के बदले ईनाम देने की घोषणा की परन्तु इससे भी काम नहीं बना तो उसने कार्य पूरा न कर पाने के कारण कारीगरों और स्टाफ को दंड भी दिया फिर भी दीवार और अन्य निर्माण कार्य नहीं हो सके | एक दिन स्टेनली स्मिथ इसी बात को लेकर काफी परेसान था और घर जा कर सो गया तभी पाटबाबा ने उसके सपने में दर्शन दिए और कहा की जिस स्थान पर दीवार बनाई जा रही है वह उनका स्थान है और वे कभी भी दीवार के अन्दर बंध कर नहीं रहेंगे इसीलिए खुले स्थान पर उनकी स्थापना की जाये | सुबह जब स्टेनली स्मिथ जगा तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा | उसने तत्काल कार्य रुकवाया और एक पहाड़ी के खुले स्थान पर हनुमान जी की स्थापना की गई | पाट बाबा की प्रतिमा को लाल रंग के कपडे से लपेटकर पुरे विधि-विधान से नये स्थान पर लाया गया और 1903 में पाट-बाबा मंदिर का निर्माण किया गया | कहते है इसके बाद फैक्ट्री निर्माण में कोई बाधा नहीं आई | फेक्ट्री बनने के बाद फैक्ट्री का कोई भी बड़ा अधिकारी यहाँ आता है तो सबसे पहले पाट बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेता है और इसके बाद ही पदभार ग्रहण करता है |
पाठबाबा मंदिर परिसर –
पाठबाबा मंदिर एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है | मंदिर परिसर बहुत ही साफ़ और स्वच्छ रहता है | इसके आस-पास का वातावरण बहुत सुन्दर और मनमोहक है | स्वच्छ मंदिर परिसर के बाहर पार्किंग स्थल और पूजन सामग्री की दुकाने हैं | मंदिर परिसर के अन्दर पाठबाबा के मुख्य मंदिर के एक तरफ माता दुर्गा का मंदिर और दूसरी ओर भगवान शिव का मंदिर है | पाठबाबा महाराज के मंदिर के गर्भगृह में भगवान हनुमान जी के रूप पाठबाबा महाराज की सिद्ध प्रतिमा स्थापित है | मुख्य मंदिर में पाठबाबा के सांथ ही भगवान विष्णु , राम लक्ष्मण और सीता जी भी बिराजमान हैं |
पाठबाबा मंदिर परिसर में एक विशाल बरगद का वृक्ष है , इस वृक्ष के नीचे हनुमान जी का छोटा सा मंदिर है | मन्नत मांगने वाले भक्त इसी पेड़ पर मनोकामना का धागा बांधते हैं और मनोकामना पूरी होने पर इसे खोल देते हैं | मुख्य मंदिर के सामने यज्ञ शाला है इसी के पास एक बड़ा हाल है इस हाल में भक्तजन भण्डारा करवा सकतें हैं |
पाट बाबा मंदिर परिसर में एक उद्यान भी है जिसमें अलग-अलग प्रजाती के पेड़-पौधे और पुष्प लगे हुए हैं | उद्यान में बच्चों के खेलने के लिए झूले और स्लाइडर की व्यवस्था भी है | मंदिर परिसर चारो तरफ से हरे भरे पेड़ पौधों से घिरा है | परिसर के आस-पास मोर और बन्दर रहते हैं जो अक्सर परिसर के अन्दर भी आ जाते है |
पाठबाबा मंदिर में मंगलवार, शनिवार और विशेष त्योहारों पर भक्तों की भीड़ लगी रहती है | पाठबाबा महाराज के दरवार में आने वाले सभी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होतीं हैं | मनोकामनायें पूर्ण होने पर भक्त पूजा-कथा और भण्डारे करवातें हैं | मन्दिर और मंदिर परिसर की देख रेख GCF प्रबंधन करता है |
पाठबाबा मंदिर कैसे पहुंचें | How To Reach Paat Baba Temple -
पाठबाबा मंदिर जबलपुर में गन केरेग फेक्ट्री पास स्थित है और जबलपुर रेल्वे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर दूर है | जबलपुर सड़क और रेल्वे और हवाई मार्ग से भारत के सभी शहरों से जुड़ा हुआ है |

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