| Mai ki Bagiya Amarkantak |
माई की बगिया अमरकंटक | Mai ki Bagiya Amarkantak -
अमरकंटक एक बहुत ही पवित्र और सुन्दर स्थान है |
अमरकंटक से ही पवित्र नर्मदा नदी का उद्गम हुआ है यहाँ माँ नर्मदा के उद्गम स्थान
के सांथ-सांथ बहुत से स्थान है जो तीर्थ यात्रियों और सैलानियों के आकर्षण का
केंद्र हैं | अमरकंटक में सोन नदी और जोहिला नदी का उद्गम स्थान है | यहाँ माँ
नर्मदा कुण्ड के अतिरिक्त माई की बगिया, सोनमुड़ा , कपिलधारा जलप्रपात, दूधधारा
जलप्रपात, आश्रम और बहुत से प्रसिद्ध मंदिर भी है |
अमरकंटक
में नर्मदा उद्गम कुंड से 1 किलोमीटर की दूरी पर माई की बगिया नामक स्थान है | माई
की बगिया में एक कुण्ड है जिसमें हमेशा ही जल भरा रहता है इस कुण्ड को चरणोदक कुंड
के नाम से जानते हैं | कुछ लोगों का मानना है की माँ नर्मदा का वास्तविक उद्गम
स्थल यही स्थान है औरमाई की बगिया से निकली जलधारा ही वर्तमान नर्मदा उद्गम कुण्ड
से पुनः निकलती है |
एक अन्य
मान्यता के अनुसार माँ नर्मदा बचपन अपनी सहेलियों
के सांथ खेलने के लिए इस स्थान पर आती थीं और यहीं से अपने लिए पुष्पों को चुनती थीं | आज
भी यह स्थान एक बगिया की तरह दिखलाई देता है | माई की बगिया में आम, केले और बहुत से सुन्दर फूलों के पेड़-पौधे लगें है |
इस स्थान पर गुलबाकावली के पौधे पाये जाते है | गुलकावली के पौधों से नेत्र रोगों
के लिए औषधि बनाई जाती है | जनश्रुति के अनुसार बचपन में
गुलबाकावली माँ नर्मदा की सहेली थीं |
प्राचीन काल में गुलकावली का पौधा सिर्फ माई की
बगिया में मिलता था परन्तु अब गुलबाकावली पूरे अमरकंटक क्षेत्र में लगाया जाने लगा
है | इस स्थान पर परिक्रमावासियों के रुकने की व्यवस्था की
जाती है | चरणोदक कुण्ड के पास ही कुछ छोटे-छोटे मंदिर भी हैं | मै की बगिया के आस-पास घने पेड़-पौधे होने के
कारण बन्दर पाये जाते हैं |
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